गोविन्द राठौर, प्रदीप गुर्जर,
इंदौर। शहर में आबकारी विभाग के सर्कल इंस्पेक्टर,संबंधित थाना और शराब कारोबारियों की साठगांठ से अवैध शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर होने लगा है। आम जनता को रात 10 बजे के बाद दूध मिले न मिले, लेकिन गली मोहल्लों में शराब जरूर मिल जाएगी। कुछ इलाकों में तो अवैध शराब का कारोबार बहुत ज्यादा फैल गया है। शराब माफिया जनता के सामने ऐसा माहौल खड़ा कर देते हैं कि हर वर्ग का हर आदमी शराब पीने में लगा है।
हैरानी की बात तो यह है कि जिम्मदार चंद रुपयों की लालच में इस जहर की परोसगारी में शामिल है और जिम्मेदारों की देख रेख में अवैध शराब बिकती भी है और उसका परिवहन भी होता। ये वही शराब तस्कर हैं, जिन्हें पिछले सप्ताह महू में पकड़ा था। लेकिन, जिम्मेदारों ने इन माफियाओं को बचा लिया। 'दैनिक स्वतंत्र' समय की टीम ने पहले भी इनके कारनामे प्रकाशित किए थे। लेकिन, प्रशासन के जिम्मेदारों ने दलाली की लाज रखी और शिकायतकर्ता के घर हमला करने वालों का साथ देते हुए शिकायतकर्ता का शिकार कर लिया! जिम्मेदारों में थाना प्रभारी किशनगंज रात में गश्त पर रहते हैं, लेकिन अपना मोबाईल इंगेज कर लेते हैं! क्या अवैध शराब बिक्री के खिलाफ बोलना गलत है या अवैध शराब बिकना सही है? राऊ थाना क्षेत्र में तो ये आलम है कि सफेद कलर की बोलेरो कार जिसका नम्बर एमपी 09 7016 से रातभर अवैध शराब का परिवहन उन ठिकानों पर किया जाता है, जहां इन्होने साठगांठ करके अपने अड्डे बना रखे हैं। राऊ सर्कल के आसपास के सभी ढाबो पर इसी बोलेरो कार से शराब का परिवहन होता है। लेकिन, पुलिस की चेकिंग में ये बोलेरो अभी तक नही पकड़ाई! क्या राऊ पुलिस आपनी जिम्मेदारियां भूल गई है? भ्रष्टाचार में डूबी राऊ पुलिस सूचना देने वाले पर कार्यवाही की धमकी देने से भी नहीं चूक रही!