पति के नाम मकान पर 23 लाख रुपए
टैक्स बाकी, खाता पत्नि के नाम किया!
इंदौर। नगर निगम झोन क्रमांक 11 के वार्ड 54 की एक संपत्ति का पिछले दिनों झोन क्रमांक 10 के वार्ड 38 के दरोगा ने अपने कार्यक्षेत्र से बाहर जाकर संपत्तिकर खाता खोला और राशि जमा करवाई। नया खाता पुरानी बकाया राशि जो लाखों में है उसे खत्म करने के लिए खोला गया। पुराना खाता पति था, जिसे बदलकर पत्नी के नाम करके अफरातफरी की गई!
नगर निगम अपर आयुक्त राजस्व एस. चैतन्य कृष्णन एक ओर अधिकारी- कर्मचारियेां पर अधिक से अधिक कर संग्रह करने का दबाव बना रहे हैं वहीं दूसरी तरफ कुछ कर्मचारी कलाकारी दिखाकर नगर निगम को चूना लगाने से बाज नहीं आते। ऐसे ही झोन क्रमांक 10 के वार्ड क्रमांक 38 के दरोगा दिलीप गौड़ ने पिछली 17 सितंबर को एक चमत्कार दिखाया और नगर निगम को 23 लाख की चपत लगा दी। हांलाकि, मामला खुल गया और अब बिल कलेक्टर गौड़ और एआरओ सीबी सिंह जांच में फंस गए। राजस्व रिकार्ड के अनुसार उक्त संपत्त्ति पुराना 23 लाख 13 हजार रुपए से अधिक संपत्तिकर बकाया है। सूत्र बताते हैं कि नया खाता खोलने के एवज में रिश्वत में मोटी रकम दी गई है।
क्या है मामला
क्या है मामला
वार्ड 38 के बिल कलेक्टर दिलीप गौड ने वार्ड क्रमांक 54 में 190 सी मयूर नगर का संपत्तिकर खाता खोला। गत 17 सितंबर को खोले गए इस खाते के माध्यम से संपत्ति मालिक प्रीति पति राजेन्द्र अग्रवाल के खाली प्लाट का करीब 35 हजार रूपए का कर वसूला गया। खाता खुलने के बाद असलियत सामने आई कि उक्त संपत्ति पर पहले ही राजेन्द्र पिता श्याम अग्रवाल के नाम से खाता है और उस पर वित्तीय वर्ष 2018-19 तक 22 लाख 10 हजार 886 रुपए बकाया है। जबकि, वर्ष 2019-20 तक की यह राशि 23 लाख 13 हजार 684 रुपए है। संपत्ति मालिक को यह पैसा जमा नहीं करना पड़े इसके लिए बिल कलेक्टर ने सांठगांठ की और नया खाता खोल दिया।
दस्तावेज कहां से आए
किसी भी संपत्ति का नया खाता खोलने के लिए प्रापर्टी संबंधी सारे दस्तावेज लगते हैं तथा संबंधित झोन के एआरओ द्वारा कागजों की जांच के उपरांत ही नया खाता खोला जा सकता है। ऐसी स्थिति में जब उक्त संपत्ति पर पहले ही राजेन्द्र अग्रवाल का नाम है, तो प्रीति अग्रवाल के दस्तावेज कहां से आए। शहर के सभी 85 वार्डो में काम कर रहे बिल कलेक्टरों को अपने वार्ड के बाहर जाकर किसी भी वार्ड में काम करने की अनुमति नहीं है। इस संबंध में निगमायुक्त का आदेश भी है। ऐसी स्थिति में दिलीप गौड़ ने नियमों और निगमायुक्त के आदेश का सीधा उल्लंघन किया है।
इनका कहना है
उपायुक्त (राजस्व) नगर निगम इंदौर लता अग्रवाल के मुताबिक मयूर नगर की इस संपत्ति पर पिछला बकाया को लेकर मैने ही संपत्ति जब्ती कुर्की की कार्रवाई करवाई थी और अग्रवाल की स्कूल को सील करवा दिया था। बाद में 17 तारीख को उसका नया खाता खोला गया इसकी मुझे जानकारी मिलते ही मैेंने अपर आयुक्त महोदय को अवगत भी करवा दिया है। जबकि, अपर आयुक्त (राजस्व) एस चैतन्य कृष्णन ने बताया कि मामला मेरी जानकारी में आ चुका है इसकी जांच करवाई जाएगी और गड़बड़ी पाए जाने पर दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
दस्तावेज कहां से आए
किसी भी संपत्ति का नया खाता खोलने के लिए प्रापर्टी संबंधी सारे दस्तावेज लगते हैं तथा संबंधित झोन के एआरओ द्वारा कागजों की जांच के उपरांत ही नया खाता खोला जा सकता है। ऐसी स्थिति में जब उक्त संपत्ति पर पहले ही राजेन्द्र अग्रवाल का नाम है, तो प्रीति अग्रवाल के दस्तावेज कहां से आए। शहर के सभी 85 वार्डो में काम कर रहे बिल कलेक्टरों को अपने वार्ड के बाहर जाकर किसी भी वार्ड में काम करने की अनुमति नहीं है। इस संबंध में निगमायुक्त का आदेश भी है। ऐसी स्थिति में दिलीप गौड़ ने नियमों और निगमायुक्त के आदेश का सीधा उल्लंघन किया है।
इनका कहना है
उपायुक्त (राजस्व) नगर निगम इंदौर लता अग्रवाल के मुताबिक मयूर नगर की इस संपत्ति पर पिछला बकाया को लेकर मैने ही संपत्ति जब्ती कुर्की की कार्रवाई करवाई थी और अग्रवाल की स्कूल को सील करवा दिया था। बाद में 17 तारीख को उसका नया खाता खोला गया इसकी मुझे जानकारी मिलते ही मैेंने अपर आयुक्त महोदय को अवगत भी करवा दिया है। जबकि, अपर आयुक्त (राजस्व) एस चैतन्य कृष्णन ने बताया कि मामला मेरी जानकारी में आ चुका है इसकी जांच करवाई जाएगी और गड़बड़ी पाए जाने पर दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।