कैदी बनाएंगे लोहे की अलमारी, कारखाने का प्रस्ताव स्वीकृत
इंदौर। सेंट्रल जेल में कैदियों को निरंतर रोजगार देने का काम किया जा रहा, ताकि वे जेल से रिहा होने पर बेहतर जीवनयापन कर सके। इसी कड़ी में अब कैदी लोहे की अलमारी बनाने का काम करेंगे। अलमारी का कारखाना खोलने के प्रस्ताव को जेल मुख्यालय से मंजूरी मिल गई है।
जेल अधीक्षक संतोष सोलंकी ने बताया कि वर्तमान में 500 से अधिक सजायाफ्ता कैदी जेल में संचालित होने वाले कारखाने में काम कर पैसा कमा रहे हैं। कैदियों द्वारा निर्मित घरेलू वस्तुओं की बिक्री के लिए समय-समय पर जेल प्रशासन सेल भी लगाता है। इससे होने वाली कमाई का 70 प्रतिशत हिस्सा कैदी को दिया जाता है। वर्तमान में यहां लकड़ी के खिलौने, बैग, बस्ते, स्टील के बरतन आदि का निर्माण हो रहा है। बर्तनों का उपयोग जेल में भी करते हैं। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए अब लोहे की अलमारी बनाने का काम शुरू किया जाएगा। जेल मुख्यालय से अनुमति मिलने के बाद जेल परिसर में कारखाने का निर्माण करेंगे।
लोहे की अलमारी में उपयोग होने वाला लोहा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रहेगा। क्योंकि, कई बार कैदी लोहे की पत्ती से अन्य कैदियों पर हमला कर चुके हैं। अधिक मात्रा में लोहा जेल में रखा जाने से हमले की संभावना बढ़ जाएगी। लोहे के पास किसी भी कैदी को नहीं आने दिया जाएगा। कारखाने में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जिससे कैदियों की हर गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।
लोहे की अलमारी में उपयोग होने वाला लोहा कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रहेगा। क्योंकि, कई बार कैदी लोहे की पत्ती से अन्य कैदियों पर हमला कर चुके हैं। अधिक मात्रा में लोहा जेल में रखा जाने से हमले की संभावना बढ़ जाएगी। लोहे के पास किसी भी कैदी को नहीं आने दिया जाएगा। कारखाने में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, जिससे कैदियों की हर गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।