5वीं और 8वीं परीक्षाएं अब बोर्ड के
पैटर्न पर, शिक्षा विभाग की नीति!
इंदौर। कक्षा दसवीं का बोर्ड परीक्षा परिणाम अपेक्षाकृत बेहतर साबित नहीं होता, जिसका खामियाजा बच्चों के साथ शिक्षकों को भी भुगतना पड़ता है। शिक्षकों के पढ़ाई स्तर का आंकलन होने लगता है। खासकर, सरकारी स्कूलों में दसवीं का रिजल्ट प्राइवेट स्कूल से कमतर होने लगा है। इसे गंभीरता से लेते हुए शिक्षा विभाग ने नई रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।
अगले शैक्षणिक सत्र से एक बार फिर कक्षा 5 वीं तथा कक्षा 8वीं की परीक्षाएं बोर्ड पैटर्न पर कार्रवाई जाएगी। कुछ साल से इस परीक्षा को सामान्य कर दिया गया था, जिससे दसवीं का परिणाम प्रभावित होने लगा था। राज्य शिक्षा केन्द्र ने 2020 में होने वाली परीक्षा के लिए कार्य योजना बनाना शुरू कर दी है। इसका मुख्य कारण बच्चों की दक्षता को सुधारना भी है। शीघ्र ही इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी हो जाएगा। इसके बाद परीक्षाओं के सकारात्मक परिणाम आने के बाद बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम सुधरे हैं। अब तक पहली से आठवीं के बच्चों को मासिक मूल्यांकन के आधार पर पास कर दिया जाता था। 9वीं में पहुंचने के बाद भी बच्चे का शैक्षणिक विकास नहीं होने से 10 वीं में बेहतर परफार्म नहीं कर पाता था। कुछ सालों से परिणामों में गिरावट आ रही है। अब पांचवीं व आठवीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर होने से रिजल्ट में सुधार आएगा। प्रश्न पत्र में वस्तुनिष्ठ, अति लघु स्तरीय, दीर्घ उतरीय प्रश्न रहेंगे। इसके अलावा लिखित और मौखिक के अंकों को समावेश किया जाएगा। शीघ्र ही इसके लिए शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जाएगी। बच्चों को समय पर प्रिपरेशन कराई जाएगी और उनकी दक्षता और पढऩे की क्षमता को बढ़ाया जा सकेगा।